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Manju Rani

Abstract

3  

Manju Rani

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घर

घर

1 min
85


हर इंसान का सपना है घर

पर कैसा घर?

ईंट-पत्थरों का घर

या प्यार -मौहब्बत का घर

हर इंसा सपना है घर।

आज़ इंट की नींंव पर खड़े हैं घर

कभी भी गिर जायेेंंगे ये घर।

नहीं गिरेगा प्यार की नीव पर खड़ा घर

हर इंसान का सपना है घर।


नहीं भाते लकडी और पीतल के आभूषण घर मेंं

धैर्य, सम्मान और इज्ज़त हैं आभूषण घर मेंं

हर इंसान का सपना है घर।


आदमी इंसान बनता है घर में

उसे उसके अधिकार मिलते हैं घर मेंं

हर इंसान का सपना है घर।


आदमी को मंजिल तक पहुँँचाता हैै घर

ज़लन और द्वेष से दूूूर होता है घर

हर आदमी का सपना है घर।

दुखोंं का अन्त है घर

खुशी का आंँगन है घर

वास्तव मेंं 

भारत की नीव है घर

 हर आदमी का सपना है घर।


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