घर
घर
हमें ही नहीं सभी को घर चाहिए।
बारिश से भीगते परिंदे को शजर चाहिए।
फ़रिश्ते भी कहने लगे आमीन,
अब दुआ में तेरी वो असर चाहिए।
नींद न आना भी अमीरों की बीमारी है,
थके जिस्म को कहाँ बिस्तर चाहिए।
खूबियों कम नहीं है ज़माने में,
उन्हें देखने की बस नज़र चाहिए।