Adnan Mughal
Drama Fantasy
एक आँसू को
किताब के अंदर
छुपा दिया
और खोली
जब किताब तो
ग़ज़ल दिखी मुझे...!
इंसानियत
ग़ज़ल - ए - हया...
कभी जन्म जन्मांतर तक सिर्फ़ आँखों से निभा दिए जाते हैं सब रिश्ते। कभी जन्म जन्मांतर तक सिर्फ़ आँखों से निभा दिए जाते हैं सब रिश्ते।
भारत माँ के वीर सपूत, बस यही कमाते हैं। भारत माँ के वीर सपूत, बस यही कमाते हैं।
मां मुझे इस दुनिया में आने दे मेरे नन्हें नन्हें पैरों से खुशियां लाने दे। मां मुझे इस दुनिया में आने दे मेरे नन्हें नन्हें पैरों से खुशियां लाने दे।
फिर कब्र में भी चैन से सोया ना जायेगा। फिर कब्र में भी चैन से सोया ना जायेगा।
इस ज़िन्दगी में मुहब्बत यूँ ही बेवजह नहीं मिलती। इस ज़िन्दगी में मुहब्बत यूँ ही बेवजह नहीं मिलती।
गर कभी तकरार हो, या हो ठहराव हर सफर में आगे आगे यही चलते भी हैं। गर कभी तकरार हो, या हो ठहराव हर सफर में आगे आगे यही चलते भी हैं।
बेटे की शक्ल है पिता सी, मगर झाँकती हो आँखों से तुम ही। बेटे की शक्ल है पिता सी, मगर झाँकती हो आँखों से तुम ही।
नाम मात्र के तूफान से कागजी महल ढह जाते हैं। नाम मात्र के तूफान से कागजी महल ढह जाते हैं।
और अगर कोई कह दे कुछ भी मेरे बारे वो संभाले हंस के कर दे न्यारे न्यारे। और अगर कोई कह दे कुछ भी मेरे बारे वो संभाले हंस के कर दे न्यारे न्यारे।
प्रकृति संपदा' कहलाते हैं धरती पर बल खाते हैं। प्रकृति संपदा' कहलाते हैं धरती पर बल खाते हैं।
कंधों पर से सभी रिश्तो का बोझ मिटा डाला। कंधों पर से सभी रिश्तो का बोझ मिटा डाला।
कि बिखरने न पाये, और प्ले स्टोर पर ढूंढना पडे़। कि बिखरने न पाये, और प्ले स्टोर पर ढूंढना पडे़।
मुझे तो बनना है बच्चों का संबल बार बार यही दिल को समझाती हूँ ! मुझे तो बनना है बच्चों का संबल बार बार यही दिल को समझाती हूँ !
अब बस करो भाई रूख्सती की घड़ी बीतती जाई। अब बस करो भाई रूख्सती की घड़ी बीतती जाई।
सदा सदा हम सब ही चाहें इनके संग ही रहना। सदा सदा हम सब ही चाहें इनके संग ही रहना।
बाहर के रावण तुम बहुत जला चुके पहले अपने अंदर के रावण को जलाओ। बाहर के रावण तुम बहुत जला चुके पहले अपने अंदर के रावण को जलाओ।
इस नफरत की दुनिया में एक मात्र प्यार है। इस नफरत की दुनिया में एक मात्र प्यार है।
सतरगीं सपने आँखों में सजाए, पापा की नन्ही परी है आई। सतरगीं सपने आँखों में सजाए, पापा की नन्ही परी है आई।
यही चाह है ओ मेरी मां मैं कभी ना ब्याह रचाऊंगी, कभी ना ब्याह रचाऊंगी। यही चाह है ओ मेरी मां मैं कभी ना ब्याह रचाऊंगी, कभी ना ब्याह रचाऊंगी।
सबके मन को महकाए रात रानी रे, रातरानी नहीं वह राजरानी रे। सबके मन को महकाए रात रानी रे, रातरानी नहीं वह राजरानी रे।