घबरायी हुई सांसें
घबरायी हुई सांसें
समय बड़ा खराब है
डर के साए में हर इंसान है
कांपती है रुह कांपती लहू की धार है
काले साए करीब करीब और करीब आ रहे
अंधकार में डूबे बैठा मन जारहा
कोई उपाय कहीं नज़र नही आरहा
मन घबराया इम्यूनिटी हुयी कमजोर है
पेटमें मची जंग आवाज़ गले में तंग है
भूख मिटी ताकत की दरकार है
घबरायी सांसे डर से हारी
हिम्मती की जय जयकार है
हारने से पहले हारना नहीं
मनके जीते जीत मनके हारे हार है
तन कर खड़े हो जाओ
थामों सांसों की ताल रे
बाहर से आया शत्रु मारो उसे डंडे मिलकर चार :
भाप गर्म पानी योग उचित आहार
देखो, आत्म शक्ति का चमत्कार
महफूज़ है कईयों का घरसंसार ।समय बड़ा खराब है
डर के साए में हर इंसान है
कांपती है रुह कांपती लहू की धार है
काले साए करीब करीब और करीब आ रहे
अंधकार में डूबे बैठा मन जारहा
कोई उपाय कहीं नज़र नही आरहा
मन घबराया इम्यूनिटी हुयी कमजोर है
पेटमें मची जंग आवाज़ गले में तंग है
भूख मिटी ताकत की दरकार है
घबरायी सांसे डर से हारी
हिम्मती की जय जयकार है
हारने से पहले हारना नहीं
मनके जीते जीत मनके हारे हार है
तन कर खड़े हो जाओ
थामों सांसों की ताल रे
बाहर से आया शत्रु मारो उसे डंडे मिलकर चार
भाप गर्म पानी योग उचित आहार
देखो, आत्म शक्ति का चमत्कार
महफूज़ है कइयों का घरसंसार।