Gazal( इश्क वबा है)
Gazal( इश्क वबा है)
सुनो ! इश्क़ तो इक वबा है ,पता है ?
बताओ ज़रा क्या सज़ा है, पता है ?
इलाज आप ढूंढोगे तो ढूंढो बेशक़ ।
मग़र दर्द इसकी दवा है ,पता है ?
नहीं है यूँ आसान उसको भुलाना ।
जो अरसों से दिल में रहा है ,पता है ?
सुनो ! रूठा वूठा नहीं है वो तुमसे ।
ये आँखों में उसकी हया है ,पता है ?
फ़क़त उसने बातें ही की थी किसी से ।
मग़र दिल ये मेरा जला है, पता है ?