गावे न केहू देश विरोधी गितवा
गावे न केहू देश विरोधी गितवा
यहि देशवा का रहै दिया देश मितवा,
गावै न केहू देश विरोधी गितवा।
तिरंगा फहरा रहा गगन मा अपने,
वह के खातिर कितने कुर्बान सपने।
खाये गोली औ चढ़े फांसी हंसिके,
उनके दम से अंग्रेजी राज धंसिगै।
नाप सके न वहि वीरता का फितवा,
यहि देशवा का रहै दिया देश मितवा।।
राम कृष्ण देशवा का पूज्य मितवा,
धूमिल न करा उनके आदर्श गितवा।
उनकै जीवन जिंदगी के बखार बाटै,
उनकै संदेश न केहू धर्म का काटै।
सबके सुरखुरू पूरा होय सपना,
यही है रामजी के रामराज्य अपना।
जुड़े संग समाज "हरी" चला वह रितवा,
यहि देशवा का रहै दिया देश मितवा।।