गाता है हमारा अशोक चक्र..
गाता है हमारा अशोक चक्र..


इस देश पर हमें हैं फ़क्र , ७० साल से गणतंत्र!!
गाता है अशोक चक्र, २४ तीलियों का ये मंत्र!!
पहली तीली गाती 'संयमता' का गीत,
दूसरी सिखाए 'आरोग्यता' की रीत।
तीसरी ने दी 'शान्ति' की सलाह,
चौथी ने दिया 'त्याग' को प्रोत्साह।
इस देश पर हमें हैं फक्र, ७० साल से गणतंत्र!!
गाता है अशोक चक्र, २४ तीलियों का ये मंत्र!!
पांचवी देती है 'शीलता' की शिक्षा,
छठवीं दर्शाए 'सेवा' भाव की रक्षा।
सातवीं बढ़ाए 'क्षमा' की भावना,
आठवीं को लगें 'प्रेम' लुभावना।
इस देश पर हमें हैं फक्र, ७० साल से गणतंत्र!!
गाता है अशोक चक्र, २४ तीलियों का ये मंत्र!!
नौवीं चलें आपसी 'मैत्री' की राह,
दसवीं फैलाए 'बंधुत्व' का प्रवाह।
ग्यारहवीं सुनाए 'संगठन' का महत्व,
बारहवीं चखाए 'कल्याण' का मधुत्व।
इस देश पर हमें हैं फक्र, ७० साल से गणतंत्र!!
गाता है अशोक चक्र, २४ तीलियों का ये मंत्र!!
तेरहवीं बने 'समृद्धि' की परिभाषा,
चौदहवीं 'औधोगिक प्रगति' की वर्षा।
पंद्रहवीं करती हैं देश की 'सुरक्षा',
सौलहवीं पढ़ाए 'नियम' की कक्षा।
इस देश पर हमें हैं फक्र, ७० साल से गणतंत्र!!
गाता है अशोक चक्र, २४ तीलियों का ये मंत्र!!
सत्रहवीं गुनगुनाए 'समता' का गान,
अठारहवीं लिखती 'अर्थ' का व्याख्यान।
उन्नीसवीं महकाए 'नैतिकता' की शान,
बीसवीं बिखेरती 'न्याय' का ज्ञान।
इस देश पर हमें हैं फक्र, ७० साल से गणतंत्र!!
गाता है अशोक चक्र, २४ तीलियों का ये मंत्र!!
इक्कीसवीं करें 'सहयोग' से संचालन,
बाईसवीं कहें करो 'कर्त्तव्य' का पालन।
तेइसवीं समझाए 'अधिकार' न कर दुरपयोग,
चौबीसवीं बतलाए 'बुद्धिमत्ता' का प्रयोग।
इस देश पर हमें हैं फ़क्र , ७० साल से गणतंत्र!!
गाता है अशोक चक्र, २४ तीलियों का ये मंत्र!!