achla Nagar

Inspirational

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गांव का जीवन

गांव का जीवन

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गाँव का जीवन, अब पहले जैसा नहीं रहा,

 जहां रिश्ता होता है वो मीठा नहीं होता।

 जहां मिट्टी हो पर सुगंध न हो,

 जहां तालाब है, लेकिन पानी नहीं है।


 जहां आम तो बरसते हैं, पर महक नहीं आती,

 गाँव का जीवन, अब पहले जैसा नहीं रहा।

 यहां लोग सुख के भूखे हो गए,

 गांव अब शहरों में तब्दील हो गए हैं।


 गांव अब चकाचौंध हैं.....

 बुजुर्गों के आशीर्वाद में,जो स्नेह का भाव था,

 पाश्चात्य संस्कृति में कहीं विलुप्त हो गए।


 

 शहरीकरण में खोई इंसानियत और भाईचारा,

 आधुनिकता के नशे ने सबको जकड़ रखा था।


 प्यार जो छलावा था, तमाशा बन गया,

 हर व्यक्ति पैसे के लिए भागता है।

 आस्था का घर अब खंडहर हो गया है,

 गांव का जीवन, अब पहले जैसा नहीं रहा। 


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