STORYMIRROR

Ramesh Mendiratta

Abstract

4.2  

Ramesh Mendiratta

Abstract

एक उदास दुनिया के किरदार हैं हम गुमनाम

एक उदास दुनिया के किरदार हैं हम गुमनाम

1 min
19


(यह दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है, से प्रेरित है,

आप उदास न हों,सिर्फ एक पहलू है यह भी जीवन का)


हम सब गुमनाम हैं इस उदास दुनिया में,

चेहरे हैं पर नाम नहीं, राहें हैं पर ठिकाना नहीं।


भीड़ में खोए हुए, अपनी ही धुन में बहते,

अनजाने रास्तों पर, अनकहे सफर को सहते।


आँखों में कहानियाँ, पर लबों पर खामोशी,

दिल में उम्मीदें हैं, पर हाथों में ना कोई होशी।


इस उदास दुनिया में, हर शख्स है तन्हा,

साथी हैं तो बस यादें, और दिल का वो गाना।


फिर भी चलते जाना है, अपनी मंजिल को पाना है,

गुमनामी की इस चादर को, अपने हौसले से हटाना है।


इस उदास दुनिया में, अपना नाम बनाना है,

गुमनाम से अनाम से, अपनी पहचान बनाना है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract