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Deepak Kumar jha

Classics

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Deepak Kumar jha

Classics

एक थकी हुई हाउसवाइफ की अभिलाषा //

एक थकी हुई हाउसवाइफ की अभिलाषा //

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चाह नहीं, इस हफ्ते तुमसे मैं गुलाब कोई पाऊँ 

चाह नहीं तुम चॉकलेट दो और मैं गपगप खा जाऊँ  


चाह नहीं टैडीबीयर पाकर उसे शोकेस में सजाऊँ  

चाह ' तुम ' लव यू ' कहो और मैं सुनकर इतराऊँ  


मुझे देना वो चादर प्रिये जिसे तान मैं ,

पूरा दिन सो जाऊँ और जब भी कोई काम को बोले

मैं बहरी हो जाऊँ।


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