पशुप्रेम
पशुप्रेम
पशुओं से करो प्रेम
जैसे अपनों से करते हो
दर्द उनके भी समझो
जैसे अपनों के समझते हो
साथ रहने वाले ही नहीं
प्रकृति के हर प्राणी से
हो सके जितना तुम प्यार करो
आंसुओं को उनके भी
तुम महसूस करो खुद भी
दर्द सबको होता है
प्रेम सबको मिलता नहीं
पशु भी चाहते हैं प्रेम
एक बार देकर देखो
गाय, बिल्ली या हो कुत्ता
खरगोश हो या फिर चुहा
चिड़िया 🐦हो या फिर मोर
प्यार से आते पास सभी
एक बार प्यार से इनको
अपने गले लगाकर तो देखो।
