एक प्याली चाय
एक प्याली चाय
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रूढ़ी-रिवाजों को
वक्त के चूल्हे में झोक देना
और दिल की केतली में
चाय अरमानों की उबलने देना।
सालों की हिकारत कड़वे बोल
कुछ जख्म यादों के
सबको पीस डालना
इमाम- दस्ते की चोट से।
बार-बार उसे कूटना
खत्म कर देना वजूद उन यातनाओं का
थोड़ी और उबलने देना।
सुनहरे सपने की शक्कर और
थोड़ी दूधिया खुशियां मिला देना
थोड़ी और उबलने देना।
कुछ साहस और विद्रोह के
तीखे मसाले डलना
थोड़ी और उबलने देना।
इस तरह तुम तैयार करना
एक कप चाय उम्मीदों की।