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Dr.Beena Agrawal

Abstract Tragedy Others

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Dr.Beena Agrawal

Abstract Tragedy Others

एक पल

एक पल

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दिल कहता है चिंता मत कर, 

एक पल उसका भी आएगा। 


मजा तो तब आएगा, 

जब तू भी रोएगा, 

उसे उस दिन बहुत याद करेगा। 

उसकी सिसकियाँ गले का रुँधना,  

तुझे दिखाई ना दिया। 

अपनी ही धुन में मस्त रहा, 

परवाह किए बिना, 

तू भी ऐसे ही सिसकियां भरेगा, 

दिल कहता है चिंता मत कर, 

एक पल उसका भी आएगा। 


तुझे तड़प के देखते, 

खुशी मिलती शायद, 

यही दस्तूर जिंदगी का, 

गली की हर चौराहे पर तूने उसे बदनाम किया, 

बिना गलती के तूने उसे कटघरे में खड़ा किया, 

लोग बदनाम करती स्त्री को, 

अपने मारे मारे फिरते आशियानों में, 

स्त्री का आगे बढ़ना पसंद नहीं, 

खूंटे की तरह इस्तेमाल किया, 

कभी प्यार से ही, कभी दुत्कार से, 

सब ने उसे बेवकूफ बनाया, 

अपना मतलब निकाला

 उसे नजरअंदाज किया,


दिल कहता है चिंता मत कर, 

एक पल उसका भी आएगा। 


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