STORYMIRROR

Divyanshu Kharkwal

Romance Others

2  

Divyanshu Kharkwal

Romance Others

एक मोहब्बत ऐसी भी

एक मोहब्बत ऐसी भी

1 min
151

तुझसे बिछड़ कर कुछ रोज तो तेरा इंतजार बहुत रहा

 भूख का मसला तुझे भुलाने में मददगार बहुत रहा

 इसलिए भी मोहब्बत कभी उसके हिस्से में नहीं आई

 वह शख्स हर एक से रिश्ता निभाने में वफादार बहुत  रहा 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance