STORYMIRROR

Aasha Pawar

Tragedy Others

4  

Aasha Pawar

Tragedy Others

एक लड़की की शादी

एक लड़की की शादी

1 min
294

दिखाकर मुझे रंगीन सपना

शादी के लिए तैयार किया

इन देखना-दिखाना रस्मों में

मगर अपमानित मुझे कर दिया।

       लेन-देन की इस डगर में

       व्यापार मेरा कर दिया

       अब दहेज की प्रथा को भी

       अलग-सा नाम दे दिया।

छीन के हमसे हमारे 

सपनों की लड़ी

बँधा दी पैरों में

शादी की ये कड़ी।

        अठारह में नाबालिग से

        बालिग बन गई

        और बीस तक मैं

        एक माँ बन गई।

करके हजारों वादे मुझसे

खुद झूठे बन गए

माँ के घर के लिए भी

उन्होंने मुझे तरसा दिया।

        नये सदियों के नए विचार

        बहाना बन गया

        असलियत में प्रथाओं ने 

        अपना रुख बदल दिया।

लेकिन इन शादियों के मेलों में

एक लड़की को

उसकी खुद की आजादी से

आजाद उसे कर दिया।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy