ये है मुंबई मेरा शहर
ये है मुंबई मेरा शहर
दिन हो या रात,
रुकता नहीं किसी के रुकने से,
वक्त का न पता यहाँ,
क्योंकि, आलसियों का नहीं,
सिर्फ वक्त की कद्रदानों का शहर है ये।
हिंदु हो या मुस्लिम,
गरीब-अमीर, आसामी-पारसी,
हर जनजाति के सिक्के यहाँ,
क्योंकि, जात-पात का नहीं,
सिर्फ इन्सानों का शहर है ये।
मराठी हो या हिंदी,
उर्दु-सिंधू, अंग्रेजी-गुजराती,
सोलह भाषाओं का संगम यहाँ,
क्योंकि, किसी एक भाषिक का नहीं,
सिर्फ मुंबईकरों का शहर है ये।
वेस्टर्न हो या ट्रेडीशनल,
अपना अलग ही है इसका रंगीन मिजाज,
हर कल्चर से है नाता इसका,
क्योंकि, रूढ़िवादियों का नहीं,
सिर्फ खुले विचारों का शहर है ये।
सपना हो या इरादा,
हर ख्वाबों की उड़ान भरता,
बुलंद आसमान यहाँ,
क्योंकि, सिर्फ इमारतों का नहीं,
सपनों का शहर है ये।
गणपति हो या रमजान,
नवरोज- क्रिसमस, गरबा-लेजिम,
उत्सवों का मेला यहाँ,
क्योंकि, किसी एक रंग का नहीं,
रंगीन लोगों का शहर है ये।
एलिफंटा कि हो या कान्हेरी की गुफा,
अरबों की उलाढाल इसकी,
गेटवे ऑफ इंडीया टुमदार खड़ा यहाँ,
क्योंकि, ये सिर्फ मुंबई नहीं,
भारत का लंडन है ये शहर
डब्बेवाले हो या लोकल रेल,
पानीपुरी- वड़ापाव या जुहू -चौपाटी,
सितारों की जगमगाहट यहाँ,
क्योंकि, सिर्फ कारखानों का नहीं,
बॉलिवूड का शहर है ये।
नयी सुबह हो या नयी सोच,
यहाँ के युवाओं की अपनी एक नई पहचान,
नये विचारों की किरणें यहाँ,
क्योंकि, घिसी-पीटी सोच का नहीं,
सिर्फ आजाद विचारों का शहर है ये।
बम हमला हो या दंगा-फसाद,
हर जख्म दिल में दफनाया है,
अब एक बूँद भी नहीं गिरायेंगे
अपने आँसुओं का,
क्योंकि, ये सिर्फ एक शहर नहीं,
ये है धड़कन हमारे देश की...
ये है धड़कन हमारे देश की...
ये है मुंबई मेरी जान....!!!