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Meera Ramnivas

Inspirational

4  

Meera Ramnivas

Inspirational

"एक खूबसूरत एहसास"

"एक खूबसूरत एहसास"

2 mins
243



एक सुबह /अचानक/ खिड़की पर

ठक ठक ठक/ आवाज हुई

खिड़की पर/दस्तक/ दे रहा है कौन

मैं /अचंभित हुई

चाय का कप थामे 

खिड़की पर/ दौड़ी चली आई

अब दस्तक/ कहां होती है

जब से करोना /बीमारी है आई

खिड़की खोली/चिड़िया थी

मुझे देख चहचहाई

जैसे पूछ रही हो 

कैसी हो? क्यों नहीं दीं दिखाई

मैं मुस्कुराई

शिकायती लहजे में/ चिड़िया चहचहाई

काफी दिनों से /आप/ घूमने नहीं आई

अच्छा /तो तुम गार्डन से यहां

ये तो बताओ/तुमने

मेरे घर की राह/ कैसे पाई

चिड़िया चहकी

हवा है ना मेरे संग 

वही मुझे यहां ले आई

ये सब की खबर रखती है

खानाबदोश सी फिरती है

यही तो तुम्हारे आने की

खबर देकर/ सदा कहती है

वो देखो/ तुम्हारी चहेती आई

ये सुन कर

मैं खुशी से/ फूली न समाई

सच में/ तुम ऐसा सोचती हो

मुझे अपना समझती हो

चिड़िया चहकी

आप हमारे प्रति संवेदना जो रखती हो

जो बन पड़े हमारे हित में करती हो

मैंने कहा तुम सबको देख

मेरी सुबह खुशनुमा बन जाती है

चिड़िया चहकी  

आपके आने से हम सबको खुशी मिलती है

एक आप ही तो हो

जो फूलों को देख मुस्कुराती हो

माली छोड़ जाता है पानी का पाइप 

आप प्यासे पोधों की तरफ मोड़ देती हो

हमें प्यार भरी नज़र से देखती हो

हमारी चहचहाहट सुन खुश होती हो

हमारे लिए दाना‌

चींटी के लिए आटा लाती हो

कई दिनों से आप घूमने ना आई

मैं हवा संग समाचार लेने चली आई

अच्छा किया मैं तुम्हें देख खुश हूं

तुम्हारे प्रति दिल से कृत कृत्य हूं

देखो सामने दाना पानी रखा है

खा पीकर जाना

जब भी दिल करे

आगे भी यूं ही चले आना

इंसान तो मतलब से ही आता है

खैर अब तो करोना से डरता है

चिड़िया चहकी

आप का घर अच्छा लगा

दाना पानी देख और भी अच्छा लगा

हां पंछी चुगने आ जाते हैं

चहचहाते गाते हैं

पंछी कलरव मौन तोड़ता है

दिल बहल जाता है 

चिड़िया चुग कर उड़ गई

एक सुंदर एहसास छोड़ गई

सृष्टि हमें हश्र से निहारती है

हम इंसानों से संवेदना चाहती है

प्रकृति हमें कितना कुछ देती है

हमें परोपकार सिखाती है

हम जीवन भर लेते रहते हैं

हम सिर्फ अपने लिए जीते हैं

प्रतिध्वनि होते हैं हमारे व्यवहार

करते रहो हर प्राणी से प्यार 

 व्यक्ति जो भी दूसरों को देता हैै

 वही सब लौट कर उसको मिलता है।।


     



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