Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Siddharth Gautam

Drama

3  

Siddharth Gautam

Drama

एक ख़्वाहिश है...

एक ख़्वाहिश है...

1 min
6.6K


दुश्मनों से दो - दो हाथ करुँ मैं,

अपनी भारत माँ की गोद में,

हँसते हुए अपनी जान कुर्बान करुँ मैं,

एक ख़्वाहिश है, शहादत की मौत मरूँ मैं।


ना कभी अपने जीवन काल में,

अपनी माँ पर एक आँच आने दूँगा,

इसके लिए हरदम - हर वक़्त,

अपनी जान भी न्योछावर कर जाऊँगा,

एक ख्वाहिश है, शहादत की मौत मरूँ मैं।


भूखा मैं सो जाऊँगा,

कोई पर्व - त्योहार ना मैं मनाऊँगा,

बस माँ तेरी रक्षा के लिए,

हँसते हुए अपनी जान न्योछावर कर जाऊँगा,

एक ख़्वाहिश है, शहादत की मौत मरूँ मैं।


माँ ये वादा है मेरा,

दुश्मनों की एक चाल ना कामयाब होने दूँगा,

जिसकी आँखें उठी, उसकी आँखें मैं फोड़ दूँगा,

बस माँ तेरे लिए, तुझपे,

हँसते हुए अपनी जान कुर्बान कर जाऊँगा,

एक ख़्वाहिश है, शहादत की मौत मरूँ मैं।


तेरे लिए माँ, हिमालय पर्वत भी चढ़ जाऊँगा,

दुश्मनों की गोली भी मुस्कुराते हुए खाऊँगा,

तेरे लाज के लिए माँ, पूरी दुनिया से लड़ जाऊँगा,

पर एक आँच ना तुझपे आने दूँगा,

बस एक ख़्वाहिश है, शहादत की मौत मरूँ मैं।


उस परम - परमात्मा से बस, एक विनती है मेरी,

जब मेरी मौत आए,

तो मेरा शरीर, बस अपनी माँ की गोद में हो,

और अंतिम साँस तक बस मैं,

अपनी माँ के लिए ही लड़ता रहूँ,

एक ख़्वाहिश है, शहादत की मौत मरूँ मैं।






Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama