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Puja Guru

Inspirational

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एक झांसी की रानी

एक झांसी की रानी

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एक झांसी की रानी ...मैंने भी आज देखा

ना धुड़सवार थी...ना हाथों में तलवार थी

पीठ पर थी संतान

हाथों में कुदार थी।


एक झांसी की रानी ...मैंने भी आज देखा

ना अंग्रेजी शासन था

झूठे वादों का भाषण था

वैसे तो जनतंत्र था

लेकिन हर पल एक संघर्ष था।


एक झांसी की रानी ...मैंने भी आज देखा

हर दिन जंग-ए-आजादी थी

क्रूर जहां में डटी हुई....फौलादी थी

ना थी प्रजा....ना प्रण था....

आँखे थीं बंजर....जहां ये रण था।


एक झांसी की रानी ...मैंने भी आज देखा

ना वो मर्दानी थी....

ना सैनानी थी ....

मजबूत माँ थी.....जनानी थी

एक झांसी की रानी ...मैंने भी आज देखा।



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