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तेरी आज्ञाकारी.... कुरीतियों की मारी.......... ज़रा यह तो बताओ मैं किस युग की नारी.... तेरी आज्ञाकारी.... कुरीतियों की मारी.......... ज़रा यह तो बताओ मैं किस युग ...
ठहर जाए तो आबरु बिखर जाए जो निकृष्ट है श्रृंगार से इसके ही तो कुछ विशिष्ट है ठहर जाए तो आबरु बिखर जाए जो निकृष्ट है श्रृंगार से इसके ही तो कुछ विशिष्ट ...
यहां का हिसाब कुछ और है... यहां कि किताब कुछ और है... यहां का हिसाब कुछ और है... यहां कि किताब कुछ और है...
चाहे तू दूर है आँखों से .... मैं रोज़ तुम्हे पुकारती हूँ ... तू सुनता है ...जानू मैं चाहे तू दूर है आँखों से .... मैं रोज़ तुम्हे पुकारती हूँ ... तू सुनता है ....
और चीख बिलख ही सही मीलों तुम चलते सोचो अगर तुम होते। और चीख बिलख ही सही मीलों तुम चलते सोचो अगर तुम होते।
मौत की सड़क चले हैं मुर्ख नहीं ना दिलेर हैं मजबूर ये मजदूर हैं। मौत की सड़क चले हैं मुर्ख नहीं ना दिलेर हैं मजबूर ये मजदूर हैं।
संजीवनी का हर आंखों को इंतज़ार है आज़ाद सांसों के लिए जीने के लिए। संजीवनी का हर आंखों को इंतज़ार है आज़ाद सांसों के लिए जीने के लिए।
एक झांसी की रानी ...मैंने भी आज देखा ना धुड़सवार थी...ना हाथों में तलवार थी एक झांसी की रानी ...मैंने भी आज देखा ना धुड़सवार थी...ना हाथों में तलवार थी
मर्दानों की भीड़ में जनाना वो आज़ाद थी। मर्दानों की भीड़ में जनाना वो आज़ाद थी।