एक ही दिन क्यों .............?
एक ही दिन क्यों .............?
एक ही दिन क्यों हिंदी दिवस मनाएं?
कहते हैं हिंदी बोले कैसे
देखे हैं हमने कुछ लोग भी ऐसे
हिंदी की तोहीन संस्कृत का अपमान
क्या किसी अन्य भाषा से निभा पाएंगें
घर से निकाल कर मां-बाप को
एक दिन खुद ही बेघर हो जाएंगे
हम किसी अन्य भाषा का
अपमान नहीं करते
पर ठेस राष्ट्रभाषा को लगे तो उसका
सम्मान भी नहीं करते
क्यो ना हिंदी को उस
बुलंदी तक ले जाए
हेलो ना कहकर सारे विश्व में
प्रणाम का परचम लहराए
नामुमकिन को मुमकिन करके दिखाएं
राष्ट्रीय भाषा को विश्व की
नंबर वन भाषा बनाएं
क्यों न प्रतिदिन हिंदी के प्रति
अपना सम्मान दर्शाएं
वर्ष में
एक ही दिन क्यों हिंदी दिवस मनाए
