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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Romance Fantasy

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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Romance Fantasy

एक दिन बगीचे में

एक दिन बगीचे में

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बगीचे में एक दिन गजब हो रहा था 

एक फूल दूसरे को देखकर खुश हो रहा था 

पहला फूल गुलाब का था जो उस दिन खिला था 

दूसरा फूल शबाब का था जो एक कली को मिला था 

दोनों एक दूजे को देखकर मुस्कुराये फिर शरमाये 

दोनों में कौन ज्यादा सुंदर है , ये कौन बतलाये ? 

गुलाब का फूल "शबाब" पर निहाल हो रहा था 

"शबाब" भी उस गुलाब के लिए बेहाल हो रहा था 

गुलाब कहने लगा "तारीफ उसकी जो उसने तुम्हें बनाया" 

ऐ नाजनीन, हुस्न परी , तुझ पर मेरा दिल है आया 

मेरी इल्तिजा है कि तू अपने नाजुक लबों से मुझे गर लगा ले 

या फिर अपनी रेशमी जुल्फों में मुझे सजा ले 

फिर देख, तेरे हुस्न में चार चांद लग जायेंगे 

हम दोनों की महक से हजारों युवा बहक जायेंगे 

कोई तो होगा जिस पे तू भी रीझ जायेगी 

उसकी बांहों में जन्नत की तरह समा जायेगी 

तब मैं तुम्हारे प्यार की कहानी लिखूंगा 

जिसे सारा जमाना पढ़ेगा वो रूमानी लिखूंगा" 

गुलाब की बातों से शबाब और खिल गया 

दोनों में ज्यादा सुंदर कौन है, जवाब मिल गया।  


श्री हरि 



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