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Goldi Mishra

Abstract

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Goldi Mishra

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एक चाहत मेरी

एक चाहत मेरी

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काश! एक और जिंदगी मिले,

कहीं अचानक राहों में जिंदगी मिले,।।

मैं बनना चाहती हूं एक ख्वाब की तरह,

बन कर बिखरना चाहती हूं एक ख्वाब की तरह,

काश! बनू एक कली मैं

खिल कर मुरझा जाऊँ मैं,।।


काश! एक और जिंदगी मिले,

कही अचानक राहों में जिंदगी मिले,।।

बनू मैं एक सावन की बरसात,

जम कर बरसू मैं सारी रात,

कोई जुदाई का गीत मैं बनू,

किसी जोगी के होठों पर बार बार आती रहूं,।।


काश! एक और जिंदगी मिले,

कही अचानक राहों में जिंदगी मिले,।।

मिठास बनू मै चाय की,

कारण बनू मै किसी को मुस्कुराहट की,

जिंदगी एक बार फिर जीनी है,

किस्सा फिर लिखना है कहानी फिर दोहरानी है,।।



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