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Prachi V Joshi

Inspirational

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Prachi V Joshi

Inspirational

एक अनजाना दिव्यम

एक अनजाना दिव्यम

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मैं बनने वाली हूं जिसकी परछाई 

वह है एक अनजाना दिव्यम

वैसे तो मेरा आनेवाला भविष्य है वो

मैं हूं उसकी गुरु जो परछाई बनकर दिव्यम को ज्ञान ज्योत से प्रकाशित करेगी

भविष्य उसका मुझसे जुड़ा है और मेरा दारोमदार उसके हाथ में होगा

आज लग रहा है में उसकी किस्मत की चाबी हूं

लेकिन असल में मेरी किस्मत दिव्यम की उन्नति से खुलेगी



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