पॉन्डिचेरी की बाते
पॉन्डिचेरी की बाते
गूंज रही है गूंज रही है।
पांडिचेरी की यादें।
क्या बतला रही है, बतिया रही है।
ओरोविल माता मंदिर की पिंडी।
मरीना सागर तट और वहां का टापु ।
है अनोखा और जाना पहचाना सा।
छबि और आश्रम अरविंद।
वहा की बेबाक शांति,है श्रद्धा का विषय।
पॉन्डिचेरी के लोग ना जाने मेरी भाषा।
में जानू अंग्रेजी पर क्या फरक पड़ता जब अर्थ का अनर्थ नही होता।
वहां के लाल केले खाने के रह गए।
जैसे के हाथ को मुखवास ना दिया हो।
भले ही रंग के काले पर है भले।
लोग साफ मन के और भीतर से सुंदर।