एहसास
एहसास
कुछ तो एहसास हुआ था मुझे,
जब देखा था तुम्हें,
अपनी आंखों से छुआ था तुम्हें,
जब मैंने देखा था तुम्हें.
कुछ तो महसूस हुआ था मुझे,
जब देखा था तुम्हें,
दिल की आंखों से देखा था तुम्हें
जब लड़खड़ा कर जाते देखा था तुम्हें,
तुम्हारी कुदरती मुस्कुराहट ने कुछ तो जादू किया,
जब देखा था तुम्हें,
सुध बुध खो कर मुस्कराता रहता था,
जब देखा था तुम्हें.
ना जाने वक्त कैसे बदल गया अब,
तुम्हारी मुस्कुराहट में ये कैसा मिलावट आया,
ना जाने पास होते हुए भी कैसे दूर हुई तुम,
कि मेरे प्यार का मजाक उड़ाया तुमने,
कि नाराज हो गया खुद से,
क्यों देखा था तुम्हें,
खुद को मिटाने क्यों निकला,
जब देखा था तुम्हें।