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Chandni Purohit

Abstract Inspirational

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Chandni Purohit

Abstract Inspirational

एहसास

एहसास

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बहती हवाओं में हर क्षण प्रतीत यहीं तू कौन है 

लबों पर सवाल कई जवाब में ध्वनि नहीं मौन है 


क्या प्रारब्ध से जुड़ रहा संग तेरा कोई जोन है 

भूला नहीं तेरा पता ख़ाली दिल का वो कोण है 


ए लौट के ना आने वाले रोता तेरे लिए रोम रोम है 

हक है मौत पर भी मेरा यह जानता केवल ओम है 


क्या नूतन क्या नवल प्रभात अमावस्या भाँति व्योम है 

स्वरचित कथन स्वतः श्रवणित भावार्थ बोलता मौन है।


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