एहसास
एहसास
साथ तेरे होने का एहसास,
कुछ कहता है।
जब तुम कभी होते हो मेरे पास,
वो लंभा कुछ कहता है !
वो तीन शब्द,
मुश्किल नहीं ह कहने में,
उम्र निकल जाती ह पूरी,
इसपे टिक्के रहने में !
इश्क़ बुलायो या बुला लो इसे मोहब्बत,
रब की दुआ कहो या कह लो ख़ुदा की इबादात,
दिल का धड़कना,
सांसों का यूं थम जाना,
क्या बताएं जनाब कितनी ह हमे आपकी जरूरत,
नज़रों का झुक जाना, यूं हमारा शर्माना !
पलकें को हौले से उठाकर आपको निहारना,
आपको दिखाने के लिए खुद को संवारना !
आपके सामने बोलते बोलते लड़खड़ाना,
आपका मुझे देख कर मुस्कुराना,
बातों ही बातों में आंखों से छेड़ जाना,
आंखो को गुप्तगू में दिल की बातें कह जाना।
कुछ कहता है,
कुछ कहता है,
जिसे शब्दों की नहीं एहसास की जरूरत है।
जिसे शब्दों की नहीं एहसास की जरूरत है।

