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Krishna Mishra

Romance

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Krishna Mishra

Romance

एहसास

एहसास

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दिल का तो पता नहीं

पर जिस रोज़ तुम्हें देखा

सीने में कुछ धड़क रहा था,

ज़िक्र करनी थी मोहब्बत

पर तेरी खामोशी से

हर बार मैं अटक रहा था,

एक दिन जब तेरी खामोशी टूटी

उस रोज़ किस्मत मुझसे रूठी

हंस रहा था लिए मैं मुस्कान झूठी

पता था मुझे तुम्हारा जवाब 'न' है,

पर तेरे लबों से कुछ सुनने को

हमेशा से ही मैं भटक रहा था।

         


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