दवाई कंपनी में इंजेक्शन्स बनाने वाले फार्मासिस्ट पर कविता**
दवाई कंपनी में इंजेक्शन्स बनाने वाले फार्मासिस्ट पर कविता**
**दवाई कंपनी में इंजेक्शन्स बनाने वाले फार्मासिस्ट पर कविता**
एक कमरे में घुमा करती हैं मशीनें,
जहाँ हर नज़र में होती है, जिम्मेदारी की कसमें।
दवाई कंपनी के दिल में बसा एक नाम,
फार्मासिस्ट का काम, बिना कोई आराम।
इंजेक्शन्स का उत्पादन, जिसमें हर बूँद है अहम,
मिनटों का ध्यान, और विज्ञान की समझ।
ख़तरे से बचाना, सुरक्षित रखना है कर्तव्य,
दवा की हर शृंगारी, एक डॉक्टर का अनुभव।
साफ-सुथरे हाथों से, मिश्रण तैयार होता,
हर प्रक्रिया में, ध्यान न खोना होता।
कोई गलती नहीं, हर पंक्ति, हर सुई,
अस्मिता से जुड़ी है, हर इंजेक्शन की सुई।
मिलता नहीं आराम, न होती है छुट्टी की फुर्सत,
हर बैच, हर बोतल, है नई चुनौती की सूरत।
लेकिन जब मरीजों को मिलता है आराम,
तो उनका मुस्कान, करता है सारा थकान कम।
कभी रसायन, कभी संयोजन की गूढ़ बात,
फार्मासिस्ट की मेहनत है, सब के लिए एक साथ।
नज़रें टिकाए, एक ही लक्ष्य को ध्यान में रखते,
किसी भी तरह की चूक से बचते रहते।
दवाई कंपनी का वह नायक, हर रोज़ मेहनत करता,
इंजेक्शन्स के निर्माण में, नया जीवन देता।
शांति से काम करता, पर दिल में होती है लड़ाई,
सभी के लिए स्वास्थ्य, यही है उसकी सफ़ाई।
याद रखें हम सब, फार्मासिस्ट की मेहनत,
उनकी बिना मेहनत, नहीं होती दवाओं की संतुलन।
हर इंजेक्शन, हर शॉट, है उनकी निरंतरता का प्रमाण,
उन्हीं के बल पर तो चलती है चिकित्सा का वरदान।
