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Goldi Mishra

Abstract

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Goldi Mishra

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दुनिया

दुनिया

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आ चल दे उस ओर,

आ चल दे एक नई दुनिया की तलाश में।

जहा कोई तेरी मेरी जात ना पूछे,

हो एक दुनिया ऐसी भी जहा सिर्फ प्यार हो,

जहा कोई बीते कल के बारे में ना पूछे,

चारो ओर सिर्फ सतरंगी बहार हो,

जहा कोई हमारे भी दिल की ख्वाहिशों के बारे में पूछे,

हमारे भी अरमानों की जहा क़दर हो,

आ चल दे उस ओर,

आ चल दे एक नई दुनिया की तालश में।


दो कदम मेरे साथ चल कर तो देख,

क्या पता ज़िन्दगी जीने के मायने बदल जाए,

एक बार दर्द बाट कर तो देख,

क्या पता दिल से बोझ मिट जाए,

कभी परिंदों को उड़ते देख,

्या पता हर बंदिश तोड़ उड़ने का जज्बा आ जाए,

आ चल दे उस ओर,

आ चल दे एक नई दुनिया की तालाश में।


थोड़ी थोड़ी कोशिशों से,

हर मुकाम मिल जाएगा,

थोड़ी सी मेहनत से,

ये अंधेरा भी मिट ही जाएगा,

एक तेरे साथ से,

ये वक़्त भी हस्ते हस्ते गुज़र जाएगा,

आ चल दे उस ओर,

आ चल दे एक नई दुनिया की तलाश में।


रात बेशक अंधेरी थी,

पर हर रात की सुबह भी होगी,

माना होठों पर खामोशी थी,

पर दिल में कोई तो बात होगी,

आसमान को देख हमने भी एक दुआ मांगी थी,

वो दुआ उस खुदा तक पहुंची जरूर होगी।


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