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Surya Rao Bomidi

Tragedy

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Surya Rao Bomidi

Tragedy

दुनिया

दुनिया

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हर तरफ छल कपट, जैसे ईमानदारी खो सी गई है।

मानवता का दूर दूर तक पता नहीं,

अपनापन रास्ता भटक चुका है।


अपनों को खोजते खोजते शायद जिंदगी भी ठहर गई है।

लगता है कि वो जमाना गया जब कहते थे जिंदगी जिंदा दिली का नाम थी।


जिंदा दिली का तो पता नहीं

पर जिंदगी भी आज छटपटाने लगी है।


वाह री दुनिया, वाह रे रिश्ते 

तू भी तो आज पैसों के चमक दमक में 

खुद अपने अस्तित्व को मिटाने लगी है।



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