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Pratibha Joshi

Abstract

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Pratibha Joshi

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दुनिया शब्दों की

दुनिया शब्दों की

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दुनिया शब्दों की रचती नया संसार,

मिला शब्दों को कोई निभाता रिश्ते,

कर लेता कोई दूरियां बड़ी बड़ी,

बना लेता कोई दवाई जख्मों की,

कोई दे देता ज़ख्म बड़े बड़े,

निकलते कई शब्द दिलों से,

कई कर देते दिल ही घायल।


शब्द द्रोपदी के महाभारत करवाता,

गीता कृष्ण के मुख से सुनवाता।


जहर भरे शब्दों के जब चलते तीर,

बनता एक घायल चाणक्य महान,

बना देता शिष्य चंद्रगुप्त सम्राट सदी का ।


पिरो शब्दों को जब पारस बोले,

कर दे परास्त विजेता की कठोरताएं।


शब्द एक तोड़ दिल गाँधी बनाता नया,

अंहिसा फैला जो आजादी दिलवाता।


शब्द एक कभी बना देता हिटलर,

मौत का तांडव फैलाता जहाँ में ।


दुनिया शब्दों की रचती नया संसार,

बोले लेखक जोड़ शब्दों को अपने,

कभी रूलाते कभी दे जाते मुस्कानें,

शब्दों से उसके आती क्रांतियां जहाँ में ।



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