दस्तक
दस्तक
इन ऊँघती आंखों को
सपनों ने जब दस्तक दी।
धूप की उजली किरणों ने
आंखें रोशन कर दी।
परदे की ओंट से झांकता सूरज।
कई टुकड़ों में बिखरा है।
घर को उजला करने को।
देखो आज ये मचला है।
इन ऊँघती आंखों को
सपनों ने जब दस्तक दी।
धूप की उजली किरणों ने
आंखें रोशन कर दी।
परदे की ओंट से झांकता सूरज।
कई टुकड़ों में बिखरा है।
घर को उजला करने को।
देखो आज ये मचला है।