दृढ़ चित्त
दृढ़ चित्त
माँ बोली थी
तुम्हे हिमालय की चोटी पर
चढ़ना होगा
बाबा ने बोला था
तुम्हे चन्द्रमाँ तक पहुंचना होगा
लोग तुमपर हँसेंगे
ईर्ष्या करेंगे
गाली देंगे
तुम्हे अपमान करेंगे
मन में दुःख पहुंचेगा
अपने लोग भी
दूरी बना लेंगे
बिल्कुल अकेले पड़ जाओगे
इस दुनिया में
फिर भी तुम
साहस न त्यागो
दृढ़ चित्त रखो
चलते हुए तुम्हे चोट लगेगा
गिर सकते हो
तुम्हें उठाने के लिए
आगे नहीं आएंगे कोई
ख़ुद ही उठना होगा तुम्हे
मुकाम तक पहुँचने की
चित्त को दृढ़ करना होगा
और पसीना बहते हुए
काम से जी न चुराओ
देखोगे एक दिन
हिमालय की चोटी भी
पहुँच गये हो
और चन्द्रमाँ को भी
छू लिए हो।