STORYMIRROR

Sumit. Malhotra

Abstract Romance Action

4  

Sumit. Malhotra

Abstract Romance Action

दर्द भी तुम दवा भी तुम।

दर्द भी तुम दवा भी तुम।

1 min
458

दर्द भी तुम दवा भी तुम, 

सीता और राधा भी तुम। 

जीवन में जला दीप तुम, 

हमारी बंदगी हमेशा तुम। 


मेरा विश्वास भरोसा तुम, 

मेरा उजाला रौशनी तुम। 

पूजा की थाली मेरी तुम, 

तन-मन की देवी भी तुम। 


अमृत का सागर भी तुम, 

मेरी हर शायरी तक तुम। 

दिल का दीपक भी तुम, 

पूजा आरती हमेशा तुम। 


प्रेम का ये व्याकरण तुम, 

स्वर और व्यंजन भी तुम। 

सितारों का जहाँ भी तुम, 

चाँद तारे फूल सभी तुम।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract