STORYMIRROR

Nisha Mandani Menda

Abstract Others

4  

Nisha Mandani Menda

Abstract Others

दोराहा

दोराहा

1 min
19

चले थे मंजिल की ओर,
अब गुम हो गए हैं राहों में!
मंजिल तो हासिल कर ली
बस ख़लता ख़ालीपन निगाहों में !


सोचा था सिचेंगे मिलके आंगन
बगिया में फूल खिलाएंगे!
ये नहीं सोचा था कभी,
कि हम दोराहे पर आ जायेंगे!


दोराहा सपनों का,दोराहा अपनों का
दोराहा गलियों का, दोराहा चौबारों का!
दोराहा शब्दों का, दोराहा बातों  का,
दोराहा उम्मीदों का, दोराहा विचारों का!

दोराहा हौसलों का, दोराहा फ़ैसलों का,
दोराहा ख़ुशियों का दोराहा गमो का,
दोराहा वियोग का, दोराहा साथ का,
दोराहा अस्तित्व का, दोराहा पहचान का!

जिंदगी की दौड़ में दोराहो ने जीना सिखाया,
सही और गलत में फ़र्क समझाया,
दोराहे जिंदगी को आकार देते है,
जीवन में बदलती ऋतु का सार देते है!




 





Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract