STORYMIRROR

Sudhir Srivastava

Abstract

4  

Sudhir Srivastava

Abstract

दोहे

दोहे

1 min
9

अपने जन्मदिन (01 जुलाई) पर विशेष दोहे
*********
आप सभी को मैं करूँ, शत-शत बार प्रणाम।
आओ मिलकर हम लिखें, नव जीवन आयाम।।

जन्म दिवस फिर आ गया, मुझको लगे बवाल।
समझ नहीं कुछ आ रहा, लगता ये जंजाल।।

एक वर्ष के बाद फिर, दिन आया ये आज।
निकट और है आ गया, मम यमलोकी राज।।

चलते फिरते आ गया, जन्म दिवस मम आज।
समय छुड़ाता जा रहा, शेष बचा बहु काज।।

नाहक हम हर्षित हुए, दिवस एक फिर बार।
हर दिन जैसा आज है, बदला क्या संसार।।

जन्म दिवस पर आपसे, कब चाहूँ उपहार।
हमको केवल चाहिए, थोड़ा प्यार दुलार।।

जन्म दिवस पर आपसे, एक निवेदन आज।
अपने बड़ों को मान दें, यही बड़ा है काज।।

सुधीर श्रीवास्तव (यमराज मित्र) 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract