दो उन्मुक्तआकाश,उडा़नेंभरने दो
दो उन्मुक्तआकाश,उडा़नेंभरने दो
बेटियां है नन्ही चिड़िया पर फैलाने दो।
घर से बाहर निकल सीखें खुद चलना
उनके पंखों को भी ताकत मिलने दो।।
दो उन्मुक्त आकाश,उड़ानें भरने दो...
एक सुसुप्त से बीज की तरह दो उन्हें भी
दो थोड़ी सी सेंक धूप की और हवा भी लगने दो
निकल खोह से अंकुरित होती जाएं वो।
दो उन्मुक्त आकाश,उड़ानें भरने दो...
दो खाद पानी का नियमित मिश्रण
भली-भांति विकसित हो पाएं वो।
एक अंकुर से पौधे में उन्हें बदलने दो बढने दो।।
दो उन्मुक्त आकाश,उड़ानें भरने दो...
कली बनकर अभी डाली पर आईं हैं।
है अनन्त आकाश सामने खुला हुआ।
अनुकूल समय पा पुष्पित पल्लवित हो जाएं वो।
दो उन्मुक्त आकाश,उड़ानें भरने दो...
भरदेंगी उल्लास क्लान्त से जीवन में
महकायेंगी ये जीवन की बगिया को।
खिलखिलाहट से गगन को गूंजने दो।।
दो उन्मुक्त आकाश,उड़ाने भरने दो.....