दिव्यांग
दिव्यांग
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कमतर उन्हें ना आँकिए, जो जन विकल अंग हैं।
उनके करिश्मे देखकर, यहाँ सब लोग दंग हैं।।
(1) मूक बधिर हेलेन केलर ने, रचा कीर्तिमान।
आइंस्टीन, स्टीफन, वैज्ञानिक हुए महान।।
एवरेस्ट को लांँघ के, अरुणिमा ने जीती जंग है।
उनके करिश्मे देख के, यहाँ सब लोग दंग हैं।।
(2) शेखर, गिरीश व बोनी प्रभु ने, खेला ऐसा खेल।
पास हुआ उनका साहस, हालात हो गए फेल।।
राजेंद्र सिंह ने पावर का, अद्भुत दिखलाया रंग है।
उनके करिश्मे देखकर, यहाँ सब लोग दंग हैं।।
(3) टॉम क्रूज वा रूज़वेल्ट ने, अपनी जमाई धाक है।
सुधा, रामकृष्णन, रविंद्र ने ,भी ऊँची की नाक है।।
डॉक्टर सुरेश बने उनका सहारा, जो कैंसर से तंग है।
उनके करिश्मे देखकर, यहाँ सब लोग दंग हैं।।
(4) उनको सहानुभूति, ना एहसान चाहिए।
थोड़ा साथ चाहिए, तनिक सम्मान चाहिए।।
मत कहिए विकल अंग, वे तो दिव्य अंग है।
उनके करिश्मे देखकर, यहाँ सब लोग दंग हैं।।