दिशा
दिशा
चार दिशाओं में कौन सी दिशा..
हमारे लिए होगी सही.. कई बार हम..
दिग्भ्रमित हो.. दिशा भटक जाते हैं..
चकाचौंध से भरी दिशा की ओर..
अनायास ही हमारे कदम बढ़ जाते हैं..
क्योंकि ये दिशा होती है लुभावनी..
हमें खींचकर अपनी ओर..
अपने अपनों से ही कर देती है अंजानी..
आँखें जब खुलती हैं..
आस-पास कोई भी नहीं आता नज़र..
अंधेरी दिशा अपने भ्रमजाल में हमें..
फंसाकर दुनिया से कर देती है बेख़बर..
समय रहते अनुभवी उचित मार्गदर्शन..
अंधेरी दिशा में भटकने से रोक लेता है हमें..
ज़िन्दगी ना मिलेगी दोबारा..
यह बात अच्छी तरह समझा जाता है हमें..!!
