कटु सत्य
कटु सत्य
1 min
12
एक ऐसा कटु सत्य..
जिससे हम सभी को..
एक न एक दिन..
गुजरना ही पड़ता है..
अपनी आँखों के सामने..
अपने माता-पिता को..
दिन प्रतिदिन बूढ़ा होते हुए देखना..
जिस उंगली को पकड़कर..
कभी हमने था चलना सीखा..
उस उंगली को कंपकंपाते हुए देखना..
जिनकी नज़रों से कभी देखी थी हमने दुनिया..
उन आँखों को धूमिल होते हुए देखना..
जो चेहरे थे बला के ख़ूबसूरत कभी..
उन चेहरों पर झुर्रियों का पड़ जाना..
मन में हर वक्त ये डर समाया रहता है कि..
कब कहीं से कोई बुरी खब़र ना आ जाए..
उनका राम नाम सत्य ना हो जाए..
इस कटु सत्य से हम सभी को..
एक न एक दिन गुजरना ही पड़ता है..!!