dil se dil tak
dil se dil tak
ना जाने ये कैसा एहसास हुआ है
दिल से रूह तक बेहाल हुआ है
ढूंढा जिसे दर दर मैंने
वो आज मेरे रूबरू हुआ है
कपटी ढोंगी नहीं सन्यासी मुझे नाम दिया है
शान्ति और धैर्य से प्यार हुआ है
कांच की तरह ये दिल चकनाचूर हुआ है
ना जाने ये कैसा एहसास हुआ है
दिल से रूह तक बेहाल हुआ है
नाता तेरा मेरा ना जाने कब से है
ये प्यार नहीं ये मोहब्बत का जूनून बोल उठा है
मिल कर तुझे ये सब बताना है
कपटी ढोंगी नहीं सन्यासी मुझे नाम दिया है
ना जाने ये कैसा एहसास हुआ है
दिल से रूह तक बेहाल हुआ है।
