STORYMIRROR

ARVIND KUMAR SINGH

Abstract

3  

ARVIND KUMAR SINGH

Abstract

दिल की सुन्दरता

दिल की सुन्दरता

1 min
11.5K

जो हमने तुमको पूजा

तो तुम खुदा बन गये

रास्ते थोड़ा और चले

तो गुरूर से तन गये 


रवैया नहीं है बेहतर

इसको बदलना होगा

बेवफा कहलाने से

पहले सम्हलना होगा


हुजूर किसी को कभी

न घमंड में परखना

आशमान की बजाय

पांव जमीन ही रखना


रोक सको बिसात नहीं

हर हाल टूट के रहेगा

फिर घमंड किसी का 

भी कोई क्योंकर सहेगा 


सुन्दरता केवल दिल

की है तो अमर रहेगी

मरने के बाद भी उसी

की ही कहानी कहेगी!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract