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Divya Pal

Inspirational

4  

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दिल जिसे चाहता है

दिल जिसे चाहता है

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दिल जिसे चाहता है 

वो सुरमई शाम मिल जाए 

भटकते हुए मन को 

थोड़ा आराम मिल जाए 


तमाम कोशिशों के बाद भी 

कुछ छूट जाता है,,

मंजिल तक पहुंचने का 

कोई तो राह नजर आए 


हर सुबह उम्मीद की नाव लेकर 

चल पड़ते है हम एक किनारे से 

शायद आज वो दिन हो जब 

हमे अपना मकाम मिल जाए 


शाम तक फिर से खाली हाथ होते है 

मन एक बार फिर से शुरूआत करता है 

एक बार फिर से कोशिश करें 

शायद ये कोशिश कामयाब हो जाए 


आता नहीं है रुकना ,यू मन हारकर 

आखिर जीवन भी तो एक बार मिला है 

फिर क्यू इसे आसुओं में बेकार करे 

चलो एक बार फिर से शुरूआत की जाए 


दिल जिसे चाहता है 

उस मंजिल तक पहुंचने के लिए 

कोशिश लगातार की जाए 

हां! चलो उठो कोशिश फिर से एक बार की जाए।


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