छुपा दिल
छुपा दिल
हर पिता के सख्त हृदय में छुपा होता है,
एक मां का "छुपा दिल"!
जो दिखता नहीं कही से,
बस महसूस हो जाता है!
जब बेटी की विदाई होती है,
और बेटा घर से बाहर जाकर
चार पैसे कमाता है!
तब एक पिता का दिल भी,
मां का दिल बन जाता है!
बेटी खुश तो होगी न अपने ससुराल में,
बेटे ने समय पे खाना खा तो लिया होगा?
जाने कितनी चिन्ता दिल में भरके वो पिता,
न जाने कब एक पिता से मां बन जाता है!
पूरी करता है वो सबकी ख्वाहिशें,
न रहती है उसे खुद की खबर!
दिखाता नही किसी को अपना कोमल मन
बनता है कठोर वो सबके सामने, पर,
छुपा के रखता है अपने अंदर एक मां का दिल
जो दिखता नहीं बस महसूस किया जाता है
एक पिता का वो" छुपा दिल "।
