आजादी के किस्से
आजादी के किस्से
आओ बच्चो तुम्हे सुनाएँ आजादी के किस्से
कैसे हम आजाद हुए और कैसे हुए हिस्से!
कभी हुआ करता था,
अपना देश भी सोने की चिड़िया
लोगों के दिलों मे बहता था प्रेम का दरिया!
हर तरफ खुशहाली और आजादी थी
सब आपस मे भाईचारे के साथ रहा करते थे!
एक वो दिन ऐसा भी आया
जब अंग्रेजो ने यहाँ अपना कदम बढ़ाया!
आके हम भारतीयों पे अनेको अत्याचार किये
कभी गुलाम बनाया हमें तो कभी गोलियों से वार किये!
बेघर कर हमारे घरों मे अपना अस्तित्व बढ़ाया
प्रेम और अपने पन का कुछ ऐसा जाल बिछाया!
भोलेभाले लोगों को अपना शिकार बना कर
खनिज और सम्पति,संसाधन सब लूट
हमें हमारे ही घर मे कंगाल बनाया!
जागरूक हुए तब नेता फिर अभियान चलाया
हमारे वीर सपूतो ने भी डटकर आगे कदम बढ़या!
आजादी की लड़ाई में जाने कितने वीर शहीद हुए
बच्चो और महिलाओ ने भी अपने प्राण गवाए!
यूही नहीं मिली है हमको ये आजादी
इसके लिए तो ना जाने कितनो ने अपनी जान गवा दी
मत भूलो उन वीरो को कर्ज है उनका तुमपे
सच्ची श्रद्धांजलि के साथ नमन करो उनको।
