दिखावा
दिखावा
दुनिया को हँसाता हूँ बूंँदों को छुपा के
दिल को समझाता हूँ उंगलियों को दबा के
जब बैठे सामने ढूढ़े आंखों में नमी वो
जिनकी सर्दियां थी गुजरी मेरे आंसुओ को जला के।
दुनिया को हँसाता हूँ बूंँदों को छुपा के
दिल को समझाता हूँ उंगलियों को दबा के
जब बैठे सामने ढूढ़े आंखों में नमी वो
जिनकी सर्दियां थी गुजरी मेरे आंसुओ को जला के।