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ARYA UMRIKAR

Classics

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ARYA UMRIKAR

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दीपावली

दीपावली

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दीपावली में जलता दिया 

जो अपने प्रकाश से रोशन 

करता घर की खुशियाँ 


खुशी का होता वातावरण 

बाग बगीचे होते निरवरण 

घर में कटारियाँ

भर जाती पकवानों से 


जब की बाजार खिल यह

उठते फटाकों से 

हमारे घर सजते रोशनी

और आकाशक दिल से


जबकि आकाश सजते

फटाकों से 

दीपावली रोशनी

का त्यौहार 

खुशियों से सवार।


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