दीपावली की तरह
दीपावली की तरह
एक उपमा रहित सुंदरी की तरह
मुझको लगती हो तुम
बस तुम ही तुम ही की तरह
प्यार करना तुम्हीं ने सिखाया मुझे
बारह खड़ी की तरह
अपनी हाथो का तकिया लगाए हुए
छत पे लेटी हो तुम चाँदनी की तरह
मेरी बाँहों में भरते नहीं इस जगह
तुम लगे हो नदी की तरह
जब होठों से मैंने छुआ है तुम्हें
तुम बज उठी हो मधुर बांसुरी की तरह
मेरे जीवन के अन्धकार में आई हो
तुम अनायास दीपावली की तरह।